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कैसे डालें धान की नर्सरी

कैसे डालें धान की नर्सरी

किसी भी फसल की नर्सरी डालना सबसे महत्वपूर्ण कार्य होता है क्योंकि अनेक तरह के रोग संक्रमण नर्सरी से शुरू होकर आखरी फसल पकने तक परेशान करते हैं। इनमें मुख्य रूप से जीवाणु और विषाणु जनित रोग प्रमुख हैं। 

धान की नर्सरी (paddy nursery)

एक हेक्टेयर क्षेत्रफल के लिए महीन धान 30 किलोग्राम,मध्यम धान 35 किलोग्राम और मोटे धान का 40 किलोग्राम बीज को तैयार करने हेतु पर्याप्त होता है। एक हेक्टेयर की नर्सरी से लगभग 15 हेक्टेयर क्षेत्रफल की रोपाई हो जाती है। 

धान की नर्सरी डालने से पहले पौधों वाली क्यारी को खेत से 1 से 2 इंची ऊंचा उठा लें ताकि गर्मी के समय में यदि क्यारी में पानी ज्यादा लग जाए तो उसे निकाला जा सके।

क्यारी उपचार


धान की नर्सरी डालने से पूर्व एक कुंतल सड़े हुए गोबर की खाद में एक किलोग्राम ट्राइकोडरमा मिला लें और उसे पेड़ की छांव में पानी के छींटे मार कर रखते हैं। 

7 दिन तक पानी के छींटे मारते हुए स्थान को पलटते रहें। इसके बाद धान की नर्सरी जिस क्यारी में डालनी है उसमें इसे मिला दें। ऐसा करने से जमीन में मौजूद सभी हानिकारक फफूंदियां नष्ट हो जाएंगी। 

उर्वरक प्रबंधन

एक हेक्टेयर नर्सरी डालने के लिए खेत में 100 किलोग्राम नत्रजन एवं 50 किलोग्राम फास्फोरस का प्रयोग करें।ट्राइकोडरमा का एक छिड़काव नर्सरी लगने के 10 दिन के अंदर पर कर देना चाहिए।

मौत के 10 से 15 दिन का होने पर एक सुरक्षात्मक छिड़काव खैरा सहित विभिन्न रोगों से सुरक्षा के लिए कर देना चाहिए। पांच किलोग्राम जिंक सल्फेट, 20 किलोग्राम यूरिया, या ढाई किलोग्राम बुझे हुए चूने के साथ 1000 लीटर पानी के साथ प्रति हेक्टेयर की दर से पहला छिड़काव बुवाई के 10 दिन बाद दूसरा 20 दिन बाद करना चाहिए। 

सफेदा रोग का नियंत्रण करने के लिए 4 किलोग्राम फेरस सल्फेट का 20 किलो यूरिया के घोल के साथ मिलाकर छिड़काव करना चाहिए। झोंका रोग की रोकथाम के लिए 500 ग्राम कार्बन डाई, 50% डब्ल्यूपी का प्रति हेक्टेयर की दर से छिड़काव करें। 

भूरा धब्बा रोग से बचाव के लिए दो किलोग्राम जिंक मैग्नीस कार्बोमेट का प्रति हेक्टेयर की दर से छिड़काव करें। नर्सरी में लगने वाले कीड़ों से पौधों को बचाने के लिए 1 लीटर फेनीट्रोथियान 50 ईसी, 1. 25 लीटर क्नायूनालफास 25 ईसी या 1.5 लीटर क्लोरो पायरी फास 20 ईसी का छिड़काव प्रति हेक्टेयर की दर से करें। 

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समय-समय पर पद की क्यारी में पानी लगाते रहे और इस बात का जरूर ध्यान रखें की पानी शाम को लगाएं। सुबह तक क्यारी पानी को पी जाए इतना ही पानी लगाएं। ज्यादा पानी लगाने और पानी के क्यारी में ठहर जाने से पौध मर सकती है।

बीज का भिगोना

धान के बीज को अंकुरण के लिए भिगोने से पूर्व 100 किलो पानी में 2 किलो नमक डालकर बीज को उसमें डालें। इससे संक्रमित थोथा और खराब बीज ऊपर तैर आएगा। 

खराब बीज को फेंक दें। अच्छे बीज को नमक के घोल से निकाल कर तीन चार बार साफ पानी में धो लें ताकि नमक का कोई भी अंश बीज पर ना रहे।

मानसून की आहट : किसानों ने की धान की नर्सरी की तैयारी की शुरुआत

मानसून की आहट : किसानों ने की धान की नर्सरी की तैयारी की शुरुआत

मानसून की आहट : मथुरा के नौहझील क्षेत्र में धान की नर्सरी तैयार करते किसान

मानसून की आहट देख किसानों ने धान की नर्सरी की तैयारी शुरू कर दी है। धान-बीज विक्रेताओं की दुकानों पर धान का बीज खरीदने को किसानों की भीड़ लगने लगी है। नर्सरी में पौध तैयार होते ही धान (Rice Paddy) की रोपाई शुरू हो जाएगी। 

किसानों को इस बार भी अच्छी वर्षा की उम्मीद है। जिसे देखकर किसान धान की पैदावार करने के लिए सक्रिय हो गए हैं। हालांकि धान की फसल की रोपाई में अभी वक्त बाकी है, लेकिन धान की रोपाई के लिए किसानों ने नर्सरी की तैयारी शुरू कर दी है। 

सिंचाई साधन मौजूद होने पर कुछ किसानों ने तो धान की पौध तैयार करने के लिए खेत तैयार कर लिए हैं। नौहझील ब्लॉक के गांव भालई निवासी किसान जितेन्द्र सिंह ने बताया कि धान की रोपाई समय से होने पर अच्छी उपज की संभावना बनी रहती है। जिससे समय से नर्सरी (पौध) की तैयारी की जा रही है। 

मथुरा के गांव मरहला मुक्खा निवासी किसान लेखराज सिंह का कहना है कि धान की उपज के लिए बाजार में विभिन्न प्रजातियों के बीज दुकानदारों द्वारा बेचे जा रहे हैं। अच्छा बीज भी पैदावार के लिए महत्वपूर्ण होता है।

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कैसे तैयार करें धान की नर्सरी

ऐसे लगाएं धान की नर्सरी: - धान की नर्सरी लगाने से पहले खेत की 2-3 बार अच्छे से जुताई कर लें। - खेत में छोटी-छोटी क्यारियां बनाकर 50-55 सेमी ऊंची मेंड़बंदी कर लें। - धान की बीजाई से पहले बीजों को अंकुरित कर लेना चाहिए।

पौध के अच्छे विकास के लिए धान नर्सरी में प्रति 500 वर्गमीटर क्षेत्र में 5 किलो नाइट्रोजन, 1.60 किलो फास्फोरस, 2.1 किलो पोटाश मिट्टी में डालकर अच्छे से मिला लें। - पौधों के अच्छे अंकुरण के लिए पानी की बेहद जरूरत होती है। शाम के समय नियमित पानी लगाएं - समय-समय पर पौधों पर कीटनाशक छिड़काव भी जरूरी है।

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नर्सरी के लिए बीज की आवश्यकता

- खेत में क्यारियां तैयार करने के बाद उपचारित धान के बीज का प्रति 100 वर्ग मीटर 500 से 800 ग्राम बीज का छिड़काव करना चाहिए। - विभिन्न किस्मों के अनुसार बीज की मात्रा थोड़ी बहुत कम या ज्यादा हो सकती है। - अत्यधिक ज्यादा बीज से पौधों की ग्रोथ (बढ़वार) कम होने की संभावना रहती है। अतः नर्सरी में तय दर के हिसाब से बीज डालना चाहिए।

नर्सरी का समय और धान रोपाई का समय

धान की कई किस्में जल्दी पककर तैयार हो जाती हैं। उनकी नर्सरी जून के दूसरे सप्ताह में शुरू हो जानी चाहिए। वहीं कुछ किस्में देर से पककर तैयार होतीं हैं, उनकी नर्सरी जून के तीसरे सप्ताह में शुरू हो जानी चाहिए। - धान रोपाई के लिए जलाई माह का दूसरा व तीसरा सप्ताह उत्तम रहता है।

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अगर किसान भाई धान की फसल की करें उचित देखभाल, तो हो जायेंगे मालामाल। ------- लोकेन्द्र नरवार